[Verse] झूठी खाई थी क़सम जो निभाई नई काटी रात मैंने खेतों में तू आई नई गीतों में बसी जो तुम्हारी बातें सपनों में आती थीं तुम्हारी राहें [Verse 2] छलके झूठ की स्याही बेवजह दिल में बसी तुम्हारी इक दास्तां गांव की वो गलियाँ हसीन हैं तुम्हारी यादों से अब भी रंगीन हैं [Chorus] तू आई नई फिर एक बहाना मिला झूठी बातें तेरी दिल को चुभी नई खेतों की धूल बन गई फिजा सच तो ये है बस तेरी थी सजा [Verse 3] धोखे और वादों का तुझसे था नाता बिछड़ने की बातों को कभी न समझा झूठी कसमों का हर एक कदम दिल का भरोसा कर डाला कम [Bridge] खेतों की खुशबू अब भी दिल को लुभाए झूठी कसमें जो राहों में बिछाए सपनों की बारिश ने सब भिगो दिया तेरे बिना ये दिल खाली सा रह गया [Chorus] तू आई नई फिर एक बहाना मिला झूठी बातें तेरी दिल को चुभी नई खेतों की धूल बन गई फिजा सच तो ये है बस तेरी थी सजा