[Verse 1] बिकाऊ हैं चेहरे बिकती है वफ़ा भी मुश्किल है पहचान कौन अपना यहाँ भी जो भी हो इश्क़ में बेवफ़ा उसको ज़िंदा जलाओ यारों दिल की अग्नि से राख करो ऐसे क़िस्से मिटाओ यारों
[Chorus] पत्थरों को ठुकराकर इंसान को गले लगाओ यारों जिसमें दिखे असली सूरत ऐसा आईना बनाओ यारों नफ़रत के ये झूठे देव सारे आज गिराओ यारों प्यार की मिट्टी से तुम नया जहाँ सजाओ यारों
[Verse 2] मंदिर ऊँचे दिल खाली सूनी-सूनी नज़रें भूखे पेट भीगे तन को कौन बाँटे चादरें पत्थरों को पूजते हो इंसानों को ठुकराकर रौशन चेहरों के भीतर अँधेरा मत बसने दो यारों
[Chorus]
[Bridge] जब भी दुविधा हो किसको मानूँ किसको छोड़ूँ आवाज़ अगर दिल से आए वही रास्ता मैं तोड़ूँ पत्थरों को ठुकराके इंसानों को ही अपनाओ यारों गिरते को थामो रोते को हँसाओ यारों
[Chorus]
A zene stílusa
Moody Hindi pop with male vocals; sparse melancholic piano and airy pads in the verses, then a bold, anthemic chorus with stomps, claps, and gang vocals. Beat grows from minimal to stadium-sized, with a gritty bass swell under the hook. Final chorus adds octave doubles and shout-backs for cathartic, crowd-sing feel.