बारिश आई छम छम छम, छाता लेकर निकले हम। कागज़ की नाव बनाई रे, पानी में उसको तैराई रे। छपाक-छपाक पानी उछाला, मस्ती का फिर नहीं कोई पाला। मेघा बोले गड़गड़ गड़गड़, कूद पड़े हम झमाझम झमझम। इंद्रधनुष भी मुस्काया है, रंग-बिरंगा सजाया है। बारिश आई छम छम छम, छाता लेकर निकले हम