Letra da música
जाऊँ"
न आगे मेरी मंज़िल है
न पीछे रास्ता बाक़ी
मैं जाऊँ तो कहाँ जाऊँ!
बहुत ही तेज़ तूफ़ाँ है
मेरी आँखों में मिट्टी के
बहुत बेदर्द ज़र्रे हैं
बहुत चुभते हैं हर लम्हा
मुझे रस्ता नहीं दिखता
मैं जाऊँ तो कहाँ जाऊँ!
इधर काँटे बिछे हैं... तो
उधर बिखरे हैं अंगारे
मैं जाऊँ तो कहाँ जाऊँ!
वो इक रस्ता जो सालिम है
वहाँ पर रसम बाक़ी है
कि जो आए उसे उसकी ही
आहों में जमा देना...
उसे, उसकी दुआओं की
सज़ा देना...
उसे, उसकी मोहब्बत को
दग़ा देना...
उसे, उसकी वफ़ाओं में
जला देना...
तो फिर ऐसे कठिन मौसम
कहाँ जाऊँ??
कहाँ जाऊँ कि अगले पल
यहाँ पर शाम होनी है
न पीछे रास्ता बाक़ी
न आगे मंज़िलें मेरी
मैं जाऊँ तो कहाँ जाऊँ!
Estilo de música
EDM, Joy, Female Voice, 60-80 BPM