tekst piosenki
(Intro) दिल से इक आह उठती है, तुझ तक कभी न पहुँचती है। तू बेपरवाह, बेख़बर, सिर्फ अपनी बात ही सुनती है। (Verse 1) दिल मेरा हर पल तड़पता है, तेरे बिना ये कहाँ संभलता है। तू बेवफ़ा, ऐ ज़ालिम, दिल का दर्द कहाँ समझता है? (Chorus) इश्क़ ने मुझको यूँ रुलाया, ज़ख्म दिल में गहरा पाया। तू बेमुरव्वत, हरजाई, क्या समझेगी दिल की दास्तान? (Verse 2) आँखों में आँसू भरे हैं, तेरे बिना दिन भी अधूरे हैं। तू बेदिल, पत्थर सी, मेरे दर्द को कहाँ तू समझेगी? (Chorus) इश्क़ ने मुझको यूँ रुलाया, ज़ख्म दिल में गहरा पाया। तू बेमुरव्वत, हरजाई, क्या समझेगी दिल की दास्तान? (Bridge) दिल की बातें अनकही रह जाएँ, तेरी यादों में यूँ ही खो जाएँ। तू बेपरवाह, बेख़बर, सिर्फ अपनी बात ही सुनती है। (Outro) दिल से इक आह उठती है, तुझ तक कभी न पहुँचती है। तू बेपरवाह, बेख़बर, सिर्फ अपनी बात ही सुनती है।