[Verse] गगन झूमे चाँदनी रात लहरों में बहे सकल संसार दीप जले पावन दीपावली माँग रही सब खुशियाँ हज़ार [Verse 2] गंगा घाट पर भीड़ जुटी भक्तों से पूरित हर कहीं संकल्पों के संग आरती माँ गंगा के चरणों में बसी [Chorus] कार्तिक पूर्णिमा की रौनक हर दिल में फैली है खुशी प्रेम और भक्ति का संगम सजी है आशाओं की बगिया [Verse 3] हाथ जोड़ें सब मंदिरों में गीतों में बसी आराधना अंतस के भाव उमड़ें हर दिल में बसे प्रीत की वाणी [Bridge] आसमान में रंगीनी दीपों की कतारें सजाएँ हर किरण में आशा की किरण रातें रोशनी से खिल उठें [Chorus] कार्तिक पूर्णिमा की रौनक हर दिल में फैली है खुशी प्रेम और भक्ति का संगम सजी है आशाओं की बगिया