[Verse] शहर के दिल में प्रेम का बसेरा था एकता का मंदिर जहां सब मिलकर रहते थे लेकिन फिर आई दरारें और दूरियाँ दो राहों पर दिलों में खामोशियाँ [Bridge] करके यकीन उस प्यार पर चलते थे हम संग-संग पर अब तो एक तारे जैसे टूट गए हम आओ फिर से जोड़ें इस जहां को हम [Chorus] एकता में अनेकता की चमक लाओ बिछड़े दिलों को फिर से पास बुलाओ मिलकर हाथ बढ़ाएँ साथ चलें हम इस जहां को फिर से रंगीन कर दें हम [Verse 2] जिन राहों पर चलते थे साथी बनकर अब उन्हीं में इक अजनबी बनकर रह गए प्यार की बातें अब यादों में खो गई आओ फिर से वो रिश्ते संवार लें हम [Bridge] हर दिल में है चाहत की चिंगारी बस चाहिए थोड़ा सा इकरार आओ मिलकर गुनगुनाएँ वो तराना जो लाए इकता का प्यारा सा पैगाम [Chorus] एकता में अनेकता की चमक लाओ बिछड़े दिलों को फिर से पास बुलाओ मिलकर हाथ बढ़ाएँ साथ चलें हम इस जहां को फिर से रंगीन कर दें हम